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Tuesday, January 11, 2011
राहुल गांधी के खिलाफ अश्लील आरोप, वेबसाइट ब्लॉक.. लेकिन काट भी उपलब्ध!!
10:44 PM
shailendra gupta
एक ओर जहां कांग्रेस राहुल गांधी को देश के भावी प्रधानमंत्री के तौर पर देख रही है वहीं विरोधी कांग्रेस की इस मंशा पर जैसे पानी फेरने को तुले हैं. इसके लिये सबसे ज्यादा हिंदू कार्ड का उपयोग किया जा रहा है. चंद रोज पहले राहुल गांधी के खिलाफ इंटरनेट के एक (कथित तौर पर हिंदू कट्टरपंथी) वेबसाइट पर जो अश्लील आरोप प्रकाशित हुए उसे कांग्रेस ने ब्लॉक करवा दिया. लेकिन, वस्तुत: यह ब्लॉक करने की पाबंदी कुछ नये इंटरनेट उपयोक्ताओं को ही रोक पायेगी. क्योंकि तकनीकी तौर पर तो ब्लॉक किये गए साइट को आसानी से डिकोड कर पढा व देखा जा सकता है.
अमेरिका से संचालित hinduunity.org नामक एक वेबसाइट पर पिछले दिनों राहुल गांधी के खिलाफ एक कथित हिंदू युवती के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया. बताया गया कि यह घटना गत वर्ष दिसंबर में अमेठी में हुई. आरोप के अनुसार दरअसल वह एक सामूहिक बलात्कार था. उसमें राहुल के अलावा छह अन्य लोग, जिसमें चार विदेशी युवक भी शामिल थे. वेबसाइट पर बताया गया कि बलात्कार के बाद उस युवती को 50 हजार रूपया भी दिया गया. बाद में उसके परिजनों को किसी से शिकायत करने की सख्त मनाही की गई. पिता तो चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन मां बेटी न्याय के लिये दर-दर भटक रही हैं. अमेठी से लेकर दिल्ली तक पुलिस, प्रशासन, मंत्रालय और मीडिया में उनको सुनने वाला कोई नहीं है. मानवाधिकार आयोग ने शिकायत दर्ज कर ली है, लेकिन कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है. वेबसाइट पर राहुल गांधी व कथित तौर पर पीडित युवती की तस्वीर भी छापी गई है, यह बताते हुए कि तस्वीर छापने के लिये युवती के माता-पिता से अनुमति ले ली गई थी.मामले में सच्चाई कितनी है यह तो जांच का विषय हो सकता है, लेकिन इतना तो सामने आ ही गया है कि वह वेबसाइट विजिटरों को आकर्षित करने में जबरदस्त सफल हुआ. इसका अंदाजा 12 पृष्ठों पर छपी विजिटरों की सैकडों प्रतिक्रियाओं से मिलता है. दरअसल यह वेबसाइट एक तरह का ब्लॉग है, जहां कोई भी विजिटर अपनी बेबाक राय रखने के लिये स्वच्छंद होता है. ऐसे में कडवी-कटु प्रतिक्रियाएं ही पढने को मिलीं. इस साइट पर भारत के कई नामी-गिरामी पत्रकारों के खिलाफ भी अश्लील आरोप छपे हैं. जिसमें महिला पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया है.
इधर, कांग्रेस कांग्रेस प्रवक्ता और वकील मनु सिंघवी ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि उस वेबसाइट के दो संचालकों रोहित व्यासमान और ऐजबोर्ड को कानूनी नोटिश भेजा गया. दोनों अमेरिका में रहते हैं. व्यासमान का दावा है कि वह बजरंग दल का कार्यकर्ता है. खबर यह भी है कि hinduunity.org नामक वेबसाइट को ब्लॉक करवा दिया गया. अमूमन ब्लॉक किये जाने के बाद ऐसे वेबसाइटों को सामान्य उपयोक्ता नहीं पढ सकते हैं. लेकिन, वेब-तकनीक में इसकी काट बहुत पहले आ चुकी है. बाजाप्ता कुछ ऐसे टूल्स इंटरनेट पर ही आसानी से नि:शुल्क उपलब्ध हैं. इसके अलावा कुछ कोड भी हैं जिससे ब्लॉक किये गए वेबसाइट को आसानी से खोलकर पढा जा सकता है. यह कोड हैं- http://babelfish.altavista.com/babelfish/trurl_pagecontent?lp=en_en&url=xyz.org इस कोड के अंतिम हिस्से में xyz.org की जगह ब्लॉक किये गए साइट का नाम डालकर आसानी से खोला जा सकता है. यही नहीं, सर्च इंजिनों पर भाषा अनुवादक ऑनलाइन ऐप्लिकेशनों के जरिए भी ब्लॉक साइटों को दूसरी विदेशी भाषाओं में खोलकर पढा जा सकता है, उनके युआरएल ऐड्रेस हैं- http://labnol.blogspot.com/2006/05/add-custom-looking-website-translator.html , http://labnol.blogspot.com/2006/02/create-multilingual-website-with-yahoo.html , आदि. यह सभी समाधान ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम ने अपने साइट पर उपलब्ध करा रखा है. दरअसल, ब्लॉगस्पॉट को भी कई देशों ने ब्लॉक कर रखा था. उसने अपने विजिटरों के लिये यह सुविधा उपलब्ध करायी है.