अनुराग ठाकुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजयुमो |
Sunday, January 16, 2011
देश की चिंता छोड़ क्षेत्र की चिंता करें राहुल
11:03 PM
shailendra gupta
अमेठी की सभा में अनुराग ठाकुर
राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजयुमो
भाजयुमो के राष्ट्रीय एकता यात्रा का कांग्रस के गढ़ अमेठी में भव्य स्वागत हुआ। वहां आयोजित सभा में उपस्थित भीड़ इस बात की गवाही दे रही थी कि गांधी परिवार की इस विरासत से अब उनका मोह भंग हो रहा है। कांग्रेस के लाड़ले नेता देष की चिंता का नाटक छोड़कर क्षेत्र की चिंता करें, नहीं तो उन्हें नई राजनीतिक जमीन तलाषनी पड़ सकती है। जो नेता अपने संसदीय क्षेत्र की दषा नहीं सुधार पाया हो उससे देष में सुधार लाने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
क्या उनके क्षेत्र का वैसा विकास हुआ, जैसा होना चाहिए। कांग्रेस नेताओं का इतिहास रहा है कि वे जा वादा करते हैं, उसे कभी पूरा नहीं करते हैं। इससे बड़ी अफसोस की बात और क्या हो सकती है कि इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के हाथ में हमेषा से सत्ता की चाबी रही है। यदि वह चाहते तो अमेठी को उत्तर प्रदेष का मुकुट बना सकते थे, लेकिन ऐसा उन्होंने इसलिए नहीं किया क्योंकि वह हमेषा से स्वार्थ की राजनीति करते आए हैं। समय तेजी से बदल रहा है, लोग अब जागरूक हो रहे हैं। इसलिए छल-कपट का राजनीतिक खेल अब ज्यादा दिन चलनने वाला नहीं है।यह यात्रा नहीं रुकेगी। यह तिरंगे के सम्मान की यात्रा है और उसे फहराकर ही रहेंगे। सुबह वाराणसी से शुरू हुई यात्रा जौनपुर से सुल्तानपुर होते हुए अमेठी पहुंची। इसके पहले बदलापुर मे हुई सभा में, जहां लगभग आठ हजार लोग उपस्थित रहे, वहीं अमेठी की सभा में यह तादात बढ़कर करीब बीस हजार पहुंच गई थी।
देश की समस्या का निदान नहीं हो पाने की मूल वजह कांग्रेस की गलत नीति है। वोट के लिए कांग्रेस किसी भी स्तर पर जाकर समझौता कर सकती है। आतंकियों को सजा देने के वजाय उन्हें पाल-पोष कर रखना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। संसद में हमले के आरोपी अफजल गुरू को सजा नहीं देने के पीछे उसकी तुष्टिकरण वाली सोच सामने आ जाती है। हम कांग्रेस से जानना चाहते हैं कि मंहगाई, आतंकवाद, भ्रष्टाचार तथा घोटालों पर वह चुप क्यों है। देष की जनता को क्यों नहीं बताती कि इसका हल वह कैसे निकालेगी।
कष्मीर को भारत से अलग होने की चाल देष का युवा कभी सफल नहीं होने देगा। इसके लिए चाहे उसे जो कुर्बानी देनी पड़े।