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Wednesday, January 12, 2011

गांधी राहुल को घमंड की बजाय विनम्रता दिखानी चाहिए: एनसीपी ने सलाह दी

  • नई दिल्‍ली
  • bhaskar.com
 कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बयान से खासी नाराज यूपीए की प्रमुख सहयोगी एनसीपी ने कहा कि गठबंधन सरकार तो इटली में भी है। एनसीपी की नाराजगी उस बयान पर है जिसमें राहुल ने मंगलवार को लखनऊ में बढ़ती महंगाई के लिए गठबंधन की मजबूरियों को जिम्मेदार ठहराया था। एनसीपी महासचिव व प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने कहा कि मंहगाई रोक पाने में असफल रहने के लिए कोई एक मंत्रालय  नहीं बल्कि पूरी सरकार जिम्मेदार होती है।

एनसीपी ने सलाह दी है कि राहुल को घमंड की बजाय विनम्रता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार दुनिया के ६५ देशों में चल रही है जिनमें से ३२ यूरोपीय देश है। इसमें इटली भी शामिल है, जहां वर्षों से गठबंधन सरकार चल रही है। त्रिपाठी ने इशारा किया कि कांग्रेस को अब तो गठबंधन से ही काम चलाना होगा क्योंकि दूर-दूर तक एक पार्टी का शासन नजर नहीं आ रहा है।

महंगाई पर सरकार उम्‍मीद के सहारे

बढ़ती महंगाई पर केंद्र सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। केंद्र का कहना है कि फरवरी-मार्च तक नई फसल आने के बाद ही खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होंगी। सरकार ने कहा कि महंगाई रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। जहां तक नई फसल का सवाल है, तो वह पाले के कारण फसल खराब हो गई है। राजस्थान में बीते दिनों पाले के कारण टमाटर, सरसों व दलहनी फसलें और मध्य प्रदेश में अरहर की फसल खराब हो गई है।

प्रधानमंत्री की बैठक के बाद इस मसले पर तेजी दिखाते हुए राकांपा नेता और कृषि मंत्री शरद पवार ने बुधवार को योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की। गुरुवार को कैबिनेट बैठक में भी इस पर चर्चा हो सकती है। हालांकि बैठक में किए गए निर्णय पर उन्होंने कहा, ‘महंगाई से निपटने के लिए कई कदमों पर चर्चा की जा रही है। इनकी सूची तैयार की जाएगी और उसे प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा।फिर इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।

इन पर हुई चर्चा : सूत्रों के मुताबिक तीनों की इस मुलाकात में खासकर उन मसलों पर ही चर्चा हुई जो मंगलवार को प्रधानमंत्री की बैठक में विचार-विमर्श के लिए तय किए गए थे। इनमें 5 लाख टन चीनी का निर्यात रोकने, पीडीएस के तहत गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों को वितरित किए जाने वाले अनाज की कीमतों में कुछ वृद्धि करना शामिल है।

इसके अलावा खाद्य तेल सहित इससे संबंधित अन्य उत्पादों के आयात को शुल्क मुक्त करने के साथ ही जमाखोरों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई जारी रखने पर भी चर्चा की गई। दूध पाउडर आयात करने पर भी बैठक में चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि 25 दिसंबर को खत्म हुए स:ताह में खाद्य पदार्थों की महंगाई 18.32 फीसदी के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।