राहुल गांधी ने कहा, "आज तक मुझे वो किसान या मजदूर नहीं मिला जो सरकार के समर्थन में खड़ा है। मैं जब किसान के पास जाता हूं, तो किसान कहते हैं कि आप फ्लाईओवर, एक्सप्रेस वे, मॉल, सड़क या कुछ भी बनायें, हमारी जमीन ले लीजिये, लेकिन हमें सही पैसा दीजिये।" राहुल ने कहा, "हम उत्तर प्रदेश में विकास के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन यहां किसानों से जमीन रेसिंग ट्रैक, गोल्फ कोर्स, अपार्टमेंट बनाने के लिए ली जा रही हैं। मैं सड़क बनाने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन किसानों पर गोली चलेगी तो बर्दाश्त नहीं करुंगा।"
राहुल ने आगे कहा कि यूपी सरकार जमीन लेते वक्त किसानों से बात नहीं करती। अचानक एक दिन बिल्डर आता है और कहता है कि जमीन उसकी है। किसान कहते हैं कि कानून पुराना हो गया है। यह सही बात है कि यह कानून पुराना है। हमारी कोशिश होगी कि हम लोकसभा में आपको नया कानून दें, जिससे किसानों को फायदा मिले।
सिर्फ कानून से काम नहीं चलेगा, उसे सही ढंग से लागू भी करना होगा। रही बात केंद्र में कानून बनाने की तो हम उसे बनाने से पहले किसानों को भी शामिल करेंगे। जितना ज्ञान, जितनी समझ हमारे यूपी के किसानों में है, उतनी बड़े-बड़े अफसरों को इतनी समझ नहीं होगी। अगर हम कानून के बारे में बातचीत करें तो आपको भी शामिल करना चाहिये। यह मैंने यूपी के किसानों का मुद्दा बताया। मगर एक और बड़ी बात है। हम दिल्ली में आपसे कहते हैं कि हम आम आदमी की सरकार चलाना चाहते हैं।
राहुल ने कहा कि वो चाहते हैं कि गरीब लोगों को रोजगार दें। यहां उत्तर प्रदेश में लाखों किसानों की जमीन ली जा रही है, गरीबों की जमीन ली जा रहीहै और बिल्डर को दी जार ही है। किसानों का हक नहीं दिया जा रहा है। जो हक मांगते हैं उन पर गोलियां चलायी जाती हैं। भट्टा परसौल और टप्पल दो बड़े उदाहरण हैं। मायावती ने भट्टा के बाद नई नीति बनाई। उन्होंने कहा कि हमारी पुरानी पॉलिसी गलत थी। हम नई पॉलिसी देंगे। उसमें कई कमियां हैं। सरकार की नियत ठीक नहीं।