उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं जमीन पर उतरे बिना और उनके बीच जाए बिना नहीं समझी जा सकतीं।
राहुल ने कहा कि जब हम दिल्ली या लखनऊ में बैठते हैं तो हमें जमीनी हकीकत और सच्चाई के बारे में कुछ पता नहीं होता। सच्चाई जानने के लिए जमीन पर आना जरूरी होता है। पदयात्रा के अनुभवों को बांटते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें इससे बहुत कुछ सीखने को मिला है।
मरोड़गढ़ी गांव में रात बिताने के बाद शुक्रवार सुबह सात बजे राहुल देवाका गांव पहुंचे थे। यहां के बाद उनकी पदयात्रा का अगला पड़ाव गौराला गांव है। राहुल की पदयात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है मायावती सरकार पर उनके हमले तीखे होते जा रहे हैं।