shravan kumar shukla |
Thursday, June 23, 2011
कांग्रेस से एक सवाल: महात्मा गाँधी ने किस आधार पर देश का प्रतिनिधित्व किया ?
2:37 AM
shailendra gupta
श्रवण कुमार शुक्ला
120 करोड़ लोगों को बेवकूफ बना रहे राजनीतिक दल से एक भारतीय का सवाल। बाबा-अन्ना यदि स्वघोषित जन-प्रतिनिधि है तो महात्मा गाँधी और अन्य राष्ट्रभक्त क्या थे? उन्होंने किस आधार पर देश की जनता का प्रतिनिधित्व किया ? कांग्रेस कहती है कि देश को काले धन और भ्रष्टाचार से खतरा ही नहीं है बल्कि बाबा और अन्ना से है। क्या कहेंगे आप? उन्होंने तो बाबा और अन्ना हजारे जी को स्वघोषित तानाशाह तक की पदवी दे डाली … बाबा और अन्ना जी अगर देश की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं तो कांग्रेस को बहुत बुरा लगता है वह उन्हें तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताने में लग जाती है .. वह जनता से यानी हमसे सवाल करती है कि बाबा जी आपका प्रतिनिधित्व कैसे कर सकते हैं ??? उनको तो काले धन रखने का अधिकार भी आपने नहीं दिया न ही उन्हें आपने प्रतिनिधि बनाया है तो वह किस हक से जनता का प्रतिनिधि होने का दावा जताकर लोकपाल बिल के लिए सत्याग्रह करते हैं ?? कांग्रेस के बडबोले महासचिव ने तो यहां तक कह दिया कि बाबा को कुछ भी बोलने का हक नहीं है.. अगर बोलना ही है तो चुनाव लड़कर आये और फिर बोले…वे किस अधिकार से यह सब कर रहे हैं।
अब अगर कांग्रेस पार्टी ऐसे बयान जारी करती है तो हम एक आम नागरिक कि हैसियत से उनसे पूछना चाहते हैं कि महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे जाने कितने राष्ट्रभक्त जनता की आवाज बनकर आये, उन्हें किसने चुनकर यह अधिकार दिया था ? जो उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देश को स्वतंत्रता दिलाई ?क्या उन्हें अंग्रेजी सरकार ने इस कार्य के लिए अनुबंधित किया था या जनता ने उन्हें वोट देकर अपना प्रतिनिधि बनाया था? कांग्रेस पार्टी अगर भ्रष्टाचार पर इतना ही गंभीर है तो उसे स्वयं पहल करके जल्द से जल्द कानून बनवाना चाहिए .. न कि जनता को आन्दोलन करने को विवश करना चाहिए???
कांग्रेस पार्टी को चाहिए कि चुनाव लड़ने से पहले उनके जो नेता अपनी संपत्ति एक लाख रुपये दर्शाते हैं तो दुसरे चुनाव में उसका कई गुना दिखाते हैं। यह इतनी संपत्ति कहाँ से आई इसकी जांच क्यों नहीं कराती? क्या जनता ने उन्हें चुनकर , अपना प्रतिनिधि बनाकर स्वयं को खोखला करने के लिए भेजा है ? अब कांग्रेस सरकार से एक ही जवाब चाहिए…. अगर अन्ना और बाबा जनता द्वारा बिना चुने जनता का प्रतिनिधित्व करने कि हैसियत नहीं रखते तो यह हैसियत किस आधार पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी को मिला था? उन्हें उनकी किस हैसियत पर राष्ट्रपिता का दर्ज़ा दिया गया? अब जबकि जनता जाग चुकी है तो उसे बरगलाने का प्रयत्न न किया जाए।
मै पूछना चाहता हूँ कि जब अन्ना हजारे और बाबा रामदेव जनता का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते क्योकि यह संविधान के खिलाफ है तो बाकी राष्ट्रभक्तों ने किस आधार पर ऐसा किया था ? आखिर कांग्रेस को पहले अपने गिरेबान में झाकना चाहिए साथ ही खुद के मुह पर थूकने की आदत छोडनी चाहिए।
इस हाल में आप जनता का सवाल यही है कि यदि अन्ना हज़ारे या बाबा रामदेव जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं तो फिर क्या कांग्रेस ये जवाब दे सकती है कि स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों का नेतृत्व करने के लिए महात्मा गांधी का चयन किस चुनाव में हुआ था और किसने वोट किया था? जवाब चाहिए….
लेखक युवा पत्रकार हैं