कहा जाता है कि एक राजनीतिक पार्टी को सफल होने के लिए आम कार्यकताओं की आवाज को सुनना चाहिए क्योंकि जनता के बीच रहने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता बेहतर रूप से जानते है कि सफलता कैसे मिल सकती है और चुनावी बिसात पर विरोधी दल को कैसे मात दी जा सकती है? इस बात में कोई शक नहीं की राहुल गांधी ने उप्र में कांग्रेस को एक नई मजबूती दी है लेकिन 2012 में होने वाले आम चुनावों में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी सक्रिय राजनीति में आएं, ऐसे में क्या कांग्रेस प्रियंका और राहुल गांधी को एक साथ चुनाव प्रचार के लिए उतारना चाहिए? क्या भाई बहन की जोड़ी उप्र में विपक्षी दलों को मात देने में सफल रहेगी? या फिर क्या राहुल गांधी जिस रणनीति पर चल रहे हैं उस पर चलकर बिना प्रियंका गांधी के भी सफलता पाई जा सकती है? आखिर क्या सोचते हैं आप क्या राहुल की रणनीति के साथ प्रियंका गांधी के व्यक्तित्तव का मैजिक के दम पर ही कांग्रेस उप्र की सत्ता में वापसी कर पाएगी।
Tuesday, February 22, 2011
राहुल गांधी से पूछा ‘‘अगर आप उत्तर प्रदेश में सरकार बनाना चाहते हैं तो...
10:49 PM
shailendra gupta
दैनिक भास्कर
कांग्रेस महासचिव को आजकल उत्तरप्रदेश के दौरे के दौरान कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने ऐसा प्रश् न पूछ लिया जिसका जवाब देने में कुछ देर के लिए वे कुछ देर के लिए दुविधा में पड़ गए। दरअसल अमेठी में राजफुलवारी में कांग्रेस की युवा शाखा के कार्यकर्ता सोनू सिंह ने राहुल गांधी से पूछा ‘‘अगर आप उत्तर प्रदेश में सरकार बनाना चाहते हैं तो प्रियंका को आगे क्यों नहीं लाते?’’
कहा जाता है कि एक राजनीतिक पार्टी को सफल होने के लिए आम कार्यकताओं की आवाज को सुनना चाहिए क्योंकि जनता के बीच रहने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता बेहतर रूप से जानते है कि सफलता कैसे मिल सकती है और चुनावी बिसात पर विरोधी दल को कैसे मात दी जा सकती है? इस बात में कोई शक नहीं की राहुल गांधी ने उप्र में कांग्रेस को एक नई मजबूती दी है लेकिन 2012 में होने वाले आम चुनावों में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी सक्रिय राजनीति में आएं, ऐसे में क्या कांग्रेस प्रियंका और राहुल गांधी को एक साथ चुनाव प्रचार के लिए उतारना चाहिए? क्या भाई बहन की जोड़ी उप्र में विपक्षी दलों को मात देने में सफल रहेगी? या फिर क्या राहुल गांधी जिस रणनीति पर चल रहे हैं उस पर चलकर बिना प्रियंका गांधी के भी सफलता पाई जा सकती है? आखिर क्या सोचते हैं आप क्या राहुल की रणनीति के साथ प्रियंका गांधी के व्यक्तित्तव का मैजिक के दम पर ही कांग्रेस उप्र की सत्ता में वापसी कर पाएगी।
कहा जाता है कि एक राजनीतिक पार्टी को सफल होने के लिए आम कार्यकताओं की आवाज को सुनना चाहिए क्योंकि जनता के बीच रहने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता बेहतर रूप से जानते है कि सफलता कैसे मिल सकती है और चुनावी बिसात पर विरोधी दल को कैसे मात दी जा सकती है? इस बात में कोई शक नहीं की राहुल गांधी ने उप्र में कांग्रेस को एक नई मजबूती दी है लेकिन 2012 में होने वाले आम चुनावों में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी सक्रिय राजनीति में आएं, ऐसे में क्या कांग्रेस प्रियंका और राहुल गांधी को एक साथ चुनाव प्रचार के लिए उतारना चाहिए? क्या भाई बहन की जोड़ी उप्र में विपक्षी दलों को मात देने में सफल रहेगी? या फिर क्या राहुल गांधी जिस रणनीति पर चल रहे हैं उस पर चलकर बिना प्रियंका गांधी के भी सफलता पाई जा सकती है? आखिर क्या सोचते हैं आप क्या राहुल की रणनीति के साथ प्रियंका गांधी के व्यक्तित्तव का मैजिक के दम पर ही कांग्रेस उप्र की सत्ता में वापसी कर पाएगी।