This is default featured slide 1 title

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation test link ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat

This is default featured slide 2 title

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation test link ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat

This is default featured slide 3 title

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation test link ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat

This is default featured slide 4 title

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation test link ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat

This is default featured slide 5 title

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipisicing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation test link ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat

Friday, February 18, 2011

राहुल के करिश्मे के भरोसे बैठे हैं कार्यकर्ता

युवा कांग्रेस की बागडोर जब राहुल गांधी  के हाथ में आई, तब सियासी हलकों में ऐसा माना गया कि कांग्रेस की चाल कुछ और होगी। राजनीति को युवा बनाने और बुजुर्गवार प्रथा को विराम देकर किसी नए दिशा-निर्देश के सपने देखे जाने लगे। लेकिन युवक कांग्रेस की कार्यप्रणाली को लेकर अब उसकी मातृ संस्था अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सवाल उठने लगे हैं। चूंकि युवा कांग्रेस की कमान स्वयं राहुल गांधी संभाल रहे हैं, इसलिए कार्यप्रणाली के विरोध में कोई खुल कर तो नहीं बोल सकता, लेकिन दबी जुबान सभी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
युवा कांग्रेस से यह आस भी लगाई गई  थी कि वह अपने मातृ  संस्था को मजबूत बनाने  के लिए विशिष्ट प्रचार  तंत्र का सहारा लेगी, साथ ही विपक्ष के उन सभी हमलों का करारा जवाब देगी, जिसे विपक्ष अपने ढाल के रूप में उपयोग करता रहा है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। युवा कांग्रेस की मानें तो राहुल के नेतृत्व में जमीनी स्तर पर संगठन को तैयार किया जा रहा है और इसके लिए दुनिया में प्रचार-प्रसार कर ऐसा करना कोई जरूरी नहीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, युवा संगठन अभी भी राहुल की छाया से मुक्त नहीं हो पाया है। संगठन अपना स्वायत्त कुछ करे इसके लिए जरूरी है कि इस छाया से मुक्त  हुआ जाए। देश में चलाए जाने वाले जन आंदोलनों या कार्यक्रमों के आयोजन के बजाय राहुल के करिश्मे के भरोसे बैठे हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि राहुल का करिश्मा खुद-ब-खुद लोगों को खींचता लाएगा।
राहुल गांधी देश की झोपड़पट्टियों और दलित बस्तियों में  भ्रमण कर रहे हैं। ऐसा  कर वह कांग्रेस की जनाधार  बना रहे हैं। लेकिन  दूसरी ओर युवक कांग्रेस  के स्तर पर ऐसा कुछ  भी नहीं हो रहा। कांग्रेस  के राष्ट्रीय नेतृत्व की बात करें तो इसका ध्यान मनमोहन सरकार की कल्याणकारी नीतियों खासतौर पर मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान, मिड डे मिल योजना और इंदिरा आवास योजना सहित 16 फ्लैगशिप कार्यक्रमों केा आम जनता के बीच पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं युवक कांग्रेस के नेता आपसी गुटबाजी और अंतर्कलह में अपनी ऊर्जा खर्च कर रहे हैं। युवा कांग्रेस के पिछले एक साल की यात्रा पर गौर करें तो पता चलेगा कि इसने न तो अपनी सरकार की योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाने का कोई काम किया और न ही भ्रष्टाचार और हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई आंदोलन छेड़ा।
हालांकि युवा  कांग्रेस के नेता राजीव  सातव की मानें तो ये  सारे आरोप निराधार हैं।  सातव का कहना है कि  तीन फरवरी 2010 को उन्हें  राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया  गया। उस समय केवल गुजरात, पंजाब और त्रिपुरा में ही कांग्रेस का संगठन चुनाव होना था लेकिन अब 13 राज्यों में ये चुनाव हो चुके हैं और जल्दी ही पूरे देश में चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। सातव के अनुसार, युवा कांग्रेस पहली बार बूथ स्तर पर पहुंची है और पांच-छह महीने में जब पूरा संगठन खड़ा हो जाएगा तो देश में एक बड़ा बदलाव देखा जा सकेगा। सातव ने यह भी कहा कि युवा कांग्रेस पर लगा यह आरोप कि विपक्ष को घेरने की कोई रणनीति नहीं बनी, बिल्कुल सही नहीं है। भ्रष्टाचार के सवाल पर, कर्नाटक सरकार को घेरने या फिर सरकारी योजनाओं को देश के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने में संगठन ने काफी काम किया है। उनके मुताबिक युवा कांग्रेस का ही प्रयास है जो पंजाब में नशामुक्ति के खिलाफ एक बड़ी मुहिम तैयार की गई है।
 With Thanks : Naya India